#आधीकैलाश

 #आदिकैलाश 


आदिकैलाश तिब्बत सीमा पर उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में जौलिंगकोंग नामक स्थान पर स्थित है  l यह घाटी व्यास घाटी के नाम से विख्यात है l यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता व शांति आत्मिक आनंद प्रदान करती है l आदिकैलाश समुन्द्र तल से लगभग 5945 मीटर ऊँचाई पर है l 

आदिकैलाश को छोटा कैलाश भी कहा जाता है l क्योंकि यह बड़ा कैलाश (कैलाश मानसरोवर ) की ही प्रतिकृति दिखाई देता है l मानसरोवर झील की तरह ही यहाँ पार्वती सरोवर है, जिसकी लम्बाई 300 मीटर तथा चौड़ाई 200 मीटर है l

पुराणों के अनुसार आदिकैलाश, कैलाश मानसरोवर से निकली शिवजी की बारात का मुख्य पड़ाव था l मैंने जब इस कैलाश को देखा, तब मुझे आदिकैलाश महादेव के तपस्वी रूप की तरह ही लगे l आप अगर इस पूरे कैलाश पर्वत को देखेंगे, तब आपको पूरा पर्वत ही किसी तपस्वी सा तपस्यारत जान पड़ेगा l जैसे आदि अनादि काल से तपस्या में लीन हो l

आदिकैलाश ॐ पर्वत यात्रा साथ -साथ ही की जाती है l आदिकैलाश जाने के लिए आपको उत्तराखंड के काठगोदाम पहुँचना होता है l यहाँ आप रेल मार्ग, मोटर मार्ग से आसानी से पहुँच सकते है l नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है l काठगोदाम से 275km गाड़ी से धारचूला पहुँच जायेंगे l 

धारचूला ही आदिकैलाश यात्रा का आधार शिविर है l यहीं SDM कार्यालय से आपको यात्रा परमिट लेना होगा l इसके बाद टैक्सी में धारचूला से लगभग 2 घंटे का सफर कर आप नेजांग पहुँचेंगे l नेजांग से ही पैदल यात्रा शुरू होती है l नेजांग से चलकर क्रमशः मालपा, लामारी, बुदी, छियालेख, गर्ब्यांग, गुंजी, नाबी, नम्पा, कुटी फिर जौलिंगकोंग में आदिकैलाश महादेव के दर्शन होते है l यात्रा की दूरी एक ओर से लगभग 72km है l आदिकैलाश के तल पर गौरी कुंड व यहीं से 3km पर पार्वती सरोवर है l

यहाँ जून से सितंबर तक जा सकते है, आप कुमाँऊ मंडल विकास निगम(KMVN) के साथ भी यात्रा कर सकते है, या यहाँ के लोकल गाइड के साथ भी जा सकते है l आप अकेले भी यात्रा कर सकते है, सभी पड़ाव में स्थानीय लोगों के ढाबे व KMVN के कैंप है l इसलिए खाने रहने की कोई परेशानी नही है l

कभी समय लगे तो, स्वयंभू आदियोगी आदिकैलाश महादेव के दर्शन करने पहुँच जाये l

शिवमय हो जायेंगे... 

हर हर महादेव 🔱🕉️

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