त्रियुगीनारायण मंदिर उत्तराखंड
![चित्र](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh72CbEYmSnLMeNMJ4LHZ5GWX6WdjtsGXGJ7PqwFiso1KxSmqVD-ZzLjNClX0ylU2xkeeZhZdgOveasN_nvuqqM6PFpjkmwCCWXjnorbZGBeTJm7D0UmpU3MTmAueMy_nlik_KhLIZSnuwp/s1600/1653987112909338-0.png)
#क्या आप जानते हैं कि इसी पृथ्वी पर विद्यमान है वह जगह जहां साक्षात #भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ें........... 👉उत्तराखंड का #त्रियुगीनारायण मंदिर ही वह पवित्र और विशेष पौराणिक मंदिर है। इस मंदिर के अंदर सदियों से अग्नि जल रही है। शिव-पार्वती जी ने इसी पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर विवाह किया था। यह स्थान रुद्रप्रयाग जिले का एक भाग है।👇 👉 #त्रियुगीनारायण मंदिर के बारे में ही कहा जाता है कि यह भगवान शिव जी और माता पार्वती का शुभ विवाह स्थल है।👇 👉मंदिर के अंदर प्रज्वलित अग्नि क ई युगों से जल रही है इसलिए इस स्थल का नाम त्रियुगी हो गया यानी अग्नि जो तीन युगों से जल रही है। 👉त्रियुगीनारायण हिमावत की राजधानी थी। यहां शिव पार्वती के विवाह में विष्णु ने पार्वती के भाई के रूप में सभी रीतियों का पालन किया था। जबकि ब्रह्मा इस विवाह में पुरोहित बने थे। 👉उस समय सभी संत-मुनियों ने इस समारोह में भाग लिया था। विवाह स्थल के नियत स्थान को ब्रहम शिला कहा जाता है जो कि मंदिर के ठीक सामने स्थित है। इस मंदिर के महात्म्य का वर्णन स्थल पुराण में भी मिलता है। 👉वि